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सभी जिला अस्पतालों में ओपियोइड प्रतिस्थापन थैरेपी केंद्र स्थापित किए जाएंगे
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नवजात शिशु और माताओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए जागरूकता और पोषण सुधार पर जोर
Himachal Drug-Free Program: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड गठित करने की घोषणा की है। यह घोषणा उन्होंने मातृ-शिशु एवं युवा बाल पोषण और नशामुक्ति पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के दौरान की। यह बोर्ड विभिन्न विभागों की गतिविधियों को एकीकृत करते हुए मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कार्य करेगा।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा को नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय नोडल संस्थान घोषित किया गया है। इसके साथ ही सभी जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में ओपियोइड प्रतिस्थापन थैरेपी केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल अपराधियों की संपत्तियां जब्त करने और नशा माफिया पर शिकंजा कसने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सिरमौर के कोटला बड़ोग में 150 बीघा भूमि पर अत्याधुनिक नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने नवजात शिशुओं और माताओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को नवजात शिशुओं के शुरुआती एक हजार दिनों में उनके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार के लिए राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने स्तनपान की आवश्यकता पर जागरूकता की कमी पर चिंता व्यक्त की और नवजात शिशुओं के लिए पोषण की महत्ता पर बल दिया। कार्यशाला में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल और अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए।